पूर्व पीएम के पोते प्रज्वल रेवन्ना रेप केस में दोषी करार,
फैसला सुनते ही निकल पड़े आंसू…2 अगस्त को सुनाई जाएगी सज़ा
1 days ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद और देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को रेप के गंभीर मामले में अदालत ने दोषी ठहराया है। यह फैसला विशेष अदालत के एडिशनल सिटी सिविल एंड सेशन्स जज संतोष गजानन भट ने सुनाया, जो निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए गठित विशेष कोर्ट की अध्यक्षता कर रहे हैं।
घरेलू सहायिका के रेप का आरोप साबित
प्रज्वल रेवन्ना को उनके ही घर में काम करने वाली 48 वर्षीय महिला सहायिका के साथ बलात्कार के मामले में सभी आरोपों में दोषी पाया गया है। महिला ने अप्रैल 2024 में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद कर्नाटक की एसआईटी ने मामले की गहन जांच की।
गंभीर धाराओं में दोष सिद्ध
प्रज्वल को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(के) (प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा बलात्कार), 376(2)(एन) (बार-बार रेप), 354(ए) (कपड़े उतारने की नीयत से हमला), 354(सी) (तांकझांक), 506 (साक्ष्य मिटाना) और आईटी एक्ट की धारा 66(ई) के तहत दोषी ठहराया गया है। विशेष सरकारी वकील बीएन जगदीश के अनुसार, इन धाराओं में न्यूनतम 10 साल की सज़ा से लेकर आजीवन कारावास तक का प्रावधान है। अदालत 2 अगस्त को सज़ा सुनाएगी।
सबूतों और गवाहों का मजबूत आधार
दरअसल सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 1632 पेजों की चार्जशीट, 183 दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक व गैर-इलेक्ट्रॉनिक सबूत, और 26 गवाहों की गवाही के आधार पर अपना पक्ष रखा। सुनवाई 2 मई 2024 को शुरू हुई थी और इसे रोज़ाना सुनकर तीव्र गति से आगे बढ़ाया गया। चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि 2021 में प्रज्वल ने दो अलग-अलग जगहों हासन के फार्महाउस और बेंगलुरु स्थित घर में महिला का रेप किया। इन घटनाओं के वीडियो प्रज्वल ने खुद रिकॉर्ड किए थे। फॉरेंसिक रिपोर्ट में उनकी मौजूदगी और डीएनए का मिलान भी प्रमाणित हुआ है।
अदालत में रो पड़े प्रज्वल
वहीं फैसला सुनते ही प्रज्वल रेवन्ना अदालत में फूट-फूटकर रोने लगे। चार महिला पुलिस अधिकारियों की एसआईटी टीम उन्हें भारी सुरक्षा के बीच परप्पना अग्रहारा जेल से कोर्ट लेकर आई थी और फिर फैसले के कुछ ही मिनट बाद उन्हें वापस जेल ले जाया गया। यही महिला अधिकारी थीं जिन्होंने 31 मई 2024 को बेंगलुरु एयरपोर्ट से उन्हें गिरफ्तार किया था, जब वे जर्मनी से लौटे थे। उल्लेखनीय है कि 26 अप्रैल 2024 को हासन लोकसभा सीट पर मतदान समाप्त होते ही प्रज्वल जर्मनी भाग गए थे, और वापस लौटने से पहले उन्होंने राजनयिक पासपोर्ट का उपयोग किया था।
हज़ारों पेन ड्राइव और वायरल वीडियो
हासन क्षेत्र में कथित यौन शोषण के हज़ारों वीडियो पेन ड्राइव के ज़रिए वायरल हुए थे, जिनमें 2960 क्लिप्स थीं। इनमें से कई क्लिप्स में पीड़िताओं की पहचान स्पष्ट रूप से दिख रही थी, जिसने पूरे मामले को और अधिक संवेदनशील बना दिया।
अपहरण का भी आरोप
वहीं मामले में पीड़िता को एसआईटी के सामने बयान देने से रोकने के लिए प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना और मां भवानी रेवन्ना पर अपहरण का आरोप भी लगा है। यह मामला अब भी कोर्ट में विचाराधीन है। एचडी रेवन्ना इस पूरे मामले को राजनीतिक साज़िश बता चुके हैं, हालांकि उन्हें इस मामले में जमानत मिल चुकी है।
पहले भी लग चुके थे आरोप
वहीं आपको बताते चलें कि प्रज्वल के खिलाफ पहले आरोप जून 2022 में सामने आए थे, लेकिन उस समय अदालत से उन्हें गैग ऑर्डर मिल गया था, जिससे मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लग गई थी। अप्रैल 2024 में जब घरेलू सहायिका ने औपचारिक शिकायत की, उसके बाद तीन और महिलाओं ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।